यह कविता मैंने अपने दोस्त वरुण के लिए लिखी थी। पिछले साल जिसकी मृत्यु डेंगू और विषाक्त खाने के कारण ... यह कविता मैंने अपने दोस्त वरुण के लिए लिखी थी। पिछले साल जिसकी मृत्यु डेंगू और व...
तू सपनों की हर एक उड़ानों में होती तू ही वेद, गीता, कुरानों में होती। तुझे स्वर में तू सपनों की हर एक उड़ानों में होती तू ही वेद, गीता, कुरानों में होती। तुझे...
नए नहीं हैं, हम तो रूह की , गहराई में बसते हैं। नए नहीं हैं, हम तो रूह की , गहराई में बसते हैं।
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
कौन हूँ टटोल कर देखूँ ज़रा भूमिकाओं के उपनगर में सिमटी रही हूँ मैं सदा ! पुत्री, सखी, पत्नी, माता ब... कौन हूँ टटोल कर देखूँ ज़रा भूमिकाओं के उपनगर में सिमटी रही हूँ मैं सदा ! पुत्री...
वो समझते नहीं कौन जाएगा दूर घर से, अपनी मिट्टी , अपने गांव , अपने शहर से, वो समझते नहीं कौन जाएगा दूर घर से, अपनी मिट्टी , अपने गांव , अपने शहर से,